DA Hike: केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई-भत्ते का जल्द होगा ऐलान: इतना बढ़ना तो तय है, जानें कितनी बढ़ेगी सैलरी
7th Pay Commission news: एक्सपर्ट्स की मानें तो महंगाई भत्ते (DA) में 3 फीसदी का ही इजाफा हो सकता है. ऐसा होने पर कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 53 फीसदी हो जाएगा. शून्य होने की संभावना नहीं है.
7th Pay Commission news: केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते (DA) में जल्द ही बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि, इसका ऐलान सितंबर में होगा. सूत्रों की मुताबिक, अभी लेबर ब्यूरो फाइनल नंबर्स देने की प्रक्रिया में है. एक बार नंबर्स फाइनल होने पर जारी किए जाएंगे. उम्मीद की जा रही है कि 7वें वेतन आयोग के तहत (7th pay commission) इस बार केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (dearness allowance) में 3 फीसदी की तेजी आएगी. इसके बाद सितंबर में होने वाली कैबिनेट की बैठकों में DA में बढ़ोतरी पर फैसला होगा. सरकार 3% DA बढ़ोतरी का ऐलान करेगी. कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 50% से बढ़कर 53% हो जाएगा.
पेंशनर्स और कर्मचारियों को मिलता है फायदा
इसका फायदा करीब 52 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 60 लाख पेंशनर्स को होगा. बढ़े हुए महंगाई भत्ते का फायदा 1 जुलाई 2024 से मिलेगा. महंगाई भत्ता साल में दो बढ़ाया जाता है.
कितना बढ़ सकता है महंगाई भत्ता?
एक्सपर्ट्स की मानें तो महंगाई भत्ते (DA) में 3 फीसदी का ही इजाफा हो सकता है. ऐसा होने पर कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 53 फीसदी हो जाएगा. शून्य होने की संभावना नहीं है. AICPI Index से तय होने वाला DA का स्कोर फिलहाल 52.91 फीसदी पर है. मौजूदा ट्रेंड के हिसाब से जून के नंबर्स आने पर भी ये 53.29 फीसदी ही पहुंचेगा. मतलब इसे बढ़ाकर 50 से 53 फीसदी किया जा सकता है. AICPI इंडेक्स से महंगाई भत्ते की कैलकुलेशन की जाती है. इंडेक्स में अलग-अलग क्षेत्र से इकट्ठा किए गए महंगाई के आंकड़े दर्शाते हैं कि महंगाई की तुलना में कर्मचारियों का भत्ता कितना बढ़ना चाहिए.
Month | CPI(IW)BY2001=100 | DA% Monthly Increase |
Jan 2024 | 138.9 | 50.84 |
Feb 2024 | 139.2 | 51.44 |
Mar 2024 | 138.9 | 51.95 |
Apr 2024 | 139.4 | 52.43 |
May 2024 | 139.9 | 52.91 |
Jun 2024 |
DA बढ़ने के बाद कितना फायदा होगा?
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
इसके लिए नीचे लिखे फॉर्मूला में अपनी सैलरी भरें..(बेसिक पे + ग्रेड पे) × DA % = DA अमाउंट
आसान भाषा में समझें तो बेसिक सैलरी में ग्रेड सैलरी को जोड़ने के बाद जो सैलरी बनती है, उसमे महंगाई भत्ते की दर का गुणा किया जाता है. जो नतीजा आता है, उसे ही महंगाई भत्ता यानी डेअरनेस अलाउंस (DA) कहा जाता है. अब इसे एक उदाहरण से समझते हैं, मान लीजिए आपकी बेसिक सैलरी 18000 रुपए और ग्रेड पे 1800 रुपए है.
दोनों को जोड़ने पर टोटल 19800 रुपए हुआ. अब बढ़ने वाले 53% महंगाई भत्ते के लिहाज से देखें, तो यह 10,494 रुपए हुआ. सबको जोड़कर आपकी टोटल सैलरी 30294 रुपए हुई. वहीं 50% DA के लिहाज से आपको 29700 रुपए सैलरी मिल रही है. यानी 3% DA बढ़ने के बाद हर महीने 594 रुपए का फायदा होगा.
दूसरा उदाहरण
अगर किसी सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉई की बेसिक सैलरी और ग्रेड पे मिलाकर 45700 रुपए महीना है तो 50 फीसदी की दर से उन्हें 22850 रुपए महंगाई भत्ता मिल रहा होगा. लेकिन, 53 फीसदी होने पर महंगाई भत्ता 24221 रुपए होगा. ऐसी स्थिति में इस कर्मचारी को 1371 रुपए महीना (24221-22850 रुपए) ज्यादा मिलेगा.
क्या होता है महंगाई भत्ता?
महंगाई भत्ता ऐसा पैसा है जो महंगाई बढ़ने के एवज में सरकारी कर्मचारियों को जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए दिया जाता है. यह पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलता है. इसका कैलकुलेशन देश की मौजूदा महंगाई के अनुसार हर 6 महीने पर किया जाता है. इसकी गणना संबंधित वेतनमान के आधार पर कर्मचारियों के मूल वेतन के मुताबिक की जाती है. महंगाई भत्ता शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण क्षेत्र के कर्मचारियों का अलग-अलग हो सकता है.
महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन कैसे होता है?
महंगाई भत्ता असेसमेंट के लिए एक फॉर्मूला दिया गया है. केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए ये फॉर्मूला है [(पिछले 12 महीने के ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) का औसत - 115.76)/115.76]×100 है. अब अगर PSU (पब्लिक सेक्टर यूनिट्स) में काम करने वाले लोगों के महंगाई भत्ते की बात की जाए तो इसके कैलकुलेशन का तरीका यह है- महंगाई भत्ता प्रतिशत= (बीते 3 महीनों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का औसत (बेस ईयर 2016=100)-126.33)/126.33)*100
ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स क्या है?
भारत में दो तरह की महंगाई होती है. एक रिटेल यानी खुदरा और दूसरा थोक महंगाई होती है. रिटेल महंगाई दर आम ग्राहकों की तरफ से दी जाने वाली कीमतों पर आधारित होती है. इसको कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) भी कहते हैं.
7th Pay Commission की सभी खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
04:33 PM IST